बंध हा प्रेमाचा नाव ज्याचे राखी
बांधते भाऊराया आज तुझ्या हाती
औक्षित प्रेमाने उजळुनी दीपज्योती
रक्षाचे मात्र सदैव आणि अशीच फुलली प्रीती
बंधन असूनही बंधन हे थोडेच या तर रेशीम गाठी |
चंदन का टीका, रेशमी का धागा
सावन कि सुगंध, बारिश कि फ़ुहार
भाई कि उम्मीद, बेहेन का प्यार
मुबारक हो आपको रक्षाबंधन का त्योहार |
नातं हे प्रेमाचं नितळ आणि निखळ
मी सदैव जपलंय
हरवलेले ते गोड दिवस त्याच्या मधुर आठवणी
आज सारं सारं आठवतंय
हातातल्या राखीसोबतच ताई तुझं प्रेम मणी साठवलंय |
देखो आया प्यारासा रक्षाबंधन का त्योहार
भाई लाया बेहेना के लिये प्यारे प्यारे उपहार
रेशमी के इस धागे मी बेहेना देगी भाई को ढेर सारा प्यार
खुशकिस्मत होती हे वो बेहेन, जिसके सर पार भाई का हाथ होता हे
खुशकिस्मत होती हे वो बेहेन, जिसके सर पार भाई का हाथ होता हे
हर परेशानी मी उस्का साथ होता हे, लढणा झगडना फिर प्यार से मनाना
तो इस रिश्ते मे प्यार होता हे|
भाई हे बेहेन का आधार,
बेहेना देती हे भाई को ढेर सारा प्यार
इस रिश्ते मे ये प्यार राहे सदा बरकरार
बेहेन का प्यार किसी दुआ से कम नहीं होता
वो चाहे दूर भी हो तो कोई गम नहीं होता
अक्सर रिश्ते दुरियों से फिके पड जाते हे
पर भाई बेहेन का प्यार कभी कम नहीं होता
भाई-बेहेन के पवित्र प्रेम का ना कोई तोल है
ना हि स्नेह, अपनत्व का भी कोई मोल है
संभलकर रखे ह्रदय रुपी तिजोरी में
भाई-बेहेन के प्रीती का यह रत्न अनमोल है|
जिस रिश्ते की ना होती कभी हार,
वह है भाई बहन का अनोखा प्यार।
माता पिता के संस्कारों को लगाये चांद चार,
निःस्वार्थ बंधन का है यह अनमोल सार।